Akhir kar kyo badaye the itane bade nakhun kya raj tha jo itana bada nakhun badaya tha chaliye is video me jante hai ki koun hai ye insan jisane itana bada nakhun badaya hai our aakhire kar ant me katava kyo diya kya tha reasen
एक रोडवेज़ बस के बराबर लंबे नाखून, जिन्हें अमरीका के न्यूयॉर्क शहर में चल रही एक प्रदर्शनी में रखा गया है.
इनका वास्ता है 82 वर्ष के श्रीधर चिल्लाल से, जिन्होंने 66 साल तक (1952 से लेकर अब तक) इन्हें बढ़ने दिया.
17 नवंबर 2014 में सबसे लंबे नाखूनों के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड उन्होंने अपने नाम किया.
इस दौरान वो अपने सीधे हाथ के नाखूनों को काटते रहे ताकि रोज़मर्रा के काम करने में उन्हें परेशानी न हो.
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अनुसार, जब आख़िरी बार श्रीधर के नाखूनों का माप लिया गया था तब उनकी लंबाई 909.6 सेंटीमीटर थी.
अब श्रीधर ने अपने उल्टे हाथ के नाखून कटवा दिए हैं. इन्हें अमरीका में न्यूयॉर्क के रिप्लीज़ बिलीव इट ऑर नॉट म्यूज़ियम में रखा गया है.
इतने लंबे वक़्त तक नाखून नहीं काटने और नाखूनों के भारी वज़न के कारण श्रीधर के बाएँ हाथ में कई तरह की परेशानियाँ हैं.
महाराष्ट्र के पुणे से ताल्लुक रखने वाले श्रीधर अब अपनी उंगलियाँ नहीं चला पाते और अपने हाथ को खोल नहीं पाते हैं.
66 साल में लंबाई के साथ-साथ नाखूनों की मोटाई भी काफ़ी बढ़ गयी थी. श्रीधर के नाखूनों को काटने के लिए लोहा काटने में इस्तेमाल होने वाली एक छोटी मशीन का प्रयोग करना पड़ा.
साल 2015 में गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड की एक टीम ने श्रीधर का इंटरव्यू किया था. उस वक़्त उन्होंने कहा था, "मेरे नाखून बेहद नाज़ुक हैं. इनका बहुत ध्यान रखना पड़ता है. ख़ासकर रात में सोते वक़्त."
क्यों बढ़ने दिए नाखून?
अमरीका के इस म्यूज़ियम में रखे अपने नाखूनों की श्रीधर चिल्लाल प्रशंसा करते हैं.
लेकिन बड़ा सवाल है कि 66 साल तक उन्होंने नाखून क्यों नहीं काटे और क्यों उन्हें इतना बढ़ने दिया?
इसके जवाब में श्रीधर चिल्लाल कहते हैं, "ये एक पुरानी कहानी है. उस वक़्त मैं 14 साल का था. मैं और मेरा दोस्त स्कूल में खेल रहे थे. हमारे एक टीचर थे जिन्होंने किसी सांस्कृतिक कारण से हाथ की सबसे छोटी उंगली का नाखून बढ़ा रखा था. मैं खेलते वक़्त उनसे जाकर टकराया और उनका वो नाखून टूट गया. उस बात पर वो बहुत नाराज़ हुए. लेकिन मन ही मन हमने ये प्रण कर लिया कि उनसे बड़ा नाखून रखकर दिखाना है."
नाखून कटवाकर कैसा लगा?
इतने लंबे वक़्त के बाद नाखूनों को कटवाकर उन्हें कैसा लगा? इसपर वो कहते हैं, "मैंने हमेशा अपने नाखूनों का विशेष ख़्याल रखा. नाखून बेहद नाज़ुक होते हैं. मैंने उनके साथ 66 साल बिताए. जब मैंने उन्हें काटने के बारे में सोचा, तो मेरे लिए ये एक कड़ा फ़ैसला था."
श्रीधर चिल्लाल कहते हैं कि न्यूयॉर्क के रिप्लीज़ बिलीव इट ऑर नॉट म्यूज़ियम ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वो उनके नाखूनों को संभाल कर रखेंगे.
श्रीधर कहते हैं, "मुझे विश्वास है कि नाखून काटने का मेरा फ़ैसला सही साबित होगा. लोग उन्हें वहाँ जाकर देख सकेंगे."
No comments:
Post a Comment