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Friday, December 14, 2018

10 ऐसे कारण जिनकी वजह से हम धरती पे जिन्दा है। जनके होंगे हैरान की ये अगर किसी आवर ग्रह पे हो तो हम वहा रह सकते है।


10 ऐसे कारण जिनकी वजह से हम धरती पे जिन्दा है। जनके होंगे हैरान की ये अगर किसी आवर ग्रह पे हो तो हम वहा रह सकते है।




सूर्य से एकदम सहीं अंतर

सौरमंडल में सिर्फ पृथ्वी पर ही हमे जीवन मिलता हैं दूसरी किसी भी जगह पर नहीं, इसका एक कारण हैं। हमारा गृह सूर्य के आसपास एकदम सही अंतर की दूरी से अपनी कक्षा में भ्रमण करता हैं। जहाँ पर बहुत ज्यादा ठण्ड भी नहीं होती और बहुत ज्यादा गर्मी भी नहीं होती। यह एक ऐसा आवासीय क्षेत्र हैं जहाँ पर पानी तरल स्वरुप में मौजूद रह सकता हैं जो जीवन के लिए एक बुनियादी आवश्यकता हैं। अगर हमारा ग्रह शुक्र के स्थान पर होता तो बहुत ज्यादा गर्मी का सामना करना पड़ता और मंगल के स्थान पर होता तो बहुत ज्यादा ठण्ड का।

हमारा चंद्रमा :

हमे हमारे बड़े और खूबसूरत चन्द्रमा के लिए आभारी होना चाहिए। चंद्रमा के बिना आप यहाँ पर नहीं होते। इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति (सूरज की मदद से) समंदर में ज्वार पैदा करती हैं। एक सिध्धांत ऐसा कहता हैं की हमारे ग्रह पर जीवन की शुरूआत ज्वारीय क्षेत्रोँ में ही हुई थी।

स्थिर परिभ्रमण: 

पृथ्वी का परिभ्रमण सुबह सूरज को उगाता हैं और रात को उसे फिर से निचे भेज देता हैं। अगर हमारी पृथ्वी परिभ्रमण न करती तो,एक तरफ आग ही आग होती और दूसरी तरफ ठण्ड से जीवन ख़त्म हो जाता। लेकिन सही परिभ्रमण के कारण पृथ्वी पर एकदम सहीं तापमान के रात और दिन होते हैं। हमारा चंद्रमा पृथ्वी की परिभ्रमण करने की शक्ति को चुराता हैं जिस से हमारे ग्रह की गति कम होती हैं। 1.5 मिलीसेकंड हर सदी में।

लगातार गुरुत्वाकर्षण

आज तक वैज्ञानिक ठीक से नहीं जान पाए हैं की गुरुत्वाकर्षण बल वास्तव में काम कैसे करता हैं। लेकिन हमनें उसे स्वीकार लिया हैं। यह हमे वास्तव में हम जो हैं वैसा बनाने में मदद करता हैं। यह हमारी ताकत को परिभाषित करता हैं। हम पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के आदि हो गए हैं।

सुरक्षात्मक चुंबकीय क्षेत्र 

अगर हमारी पृथ्वी के पास एक मजबूत और अपेक्षाकृत चुंबकीय क्षेत्र न होता तो हम सभी अंतरिक्ष से आती COSMIC किरणों से और सौर तूफानों से जल कर राख हो जाते। यह चुंबकीय क्षेत्र स्थिर नहीं हैं। हमारी पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुव समय समय पर बदलते रहते हैं। वैज्ञानिको का मानना हैं की हमारे नजदीकी भविष्य में ही ऐसी एक फ्लिप होने वाली हैं।

तापमान क्षेत्र

हमारे ग्रह पर अलग अलग क्षेत्रों में तापमान भी अलग अलग होता हैं। अलग अलग तापमान होने से जलवायु भी अलग अलग होती हैं। जिससे यहाँ पर जीवन में भी विविधता देखने को मिलती हैं। पृथ्वी पर सबसे कम से कम तापमान माइनस  89.2 डिग्री सेल्सियस और ज्यादा से ज्यादा तापमान  57.8 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया हैं।

गहरा नीला समुद्र

हमारी पृथ्वी का 70 प्रतिशत हिस्सा समुद्र से गिरा हुआ हैं। पृथ्वी के जीवन को टिकाए रखने के लिए समंदरों का होना बहुत जरूरी हैं क्योंकि का तरल पानी ही जीवन की सबसे बड़ी बुनियादी आवश्यकता हैं। समुद्र से ही जलवायु टिक सकती हैं।

समुद्र का स्तर

महासागर एक आशीर्वाद के साथ साथ एक अभिशाप भी हो सकता हैं। अभी के दशकों में समुद्र का स्तर स्थिर हैं ऐसी अवधारणा थी। लेकिन हाल ही के वक्त में स्थितियां बदल रहीं हैं। समुद्र के गर्म होने के कारण बर्फ और ग्लेशियर्स पिगल रहे हैं जिसकी वजह से समुद्र के स्तर में वृद्धि हो रहीं हैं। दुनिया के कुछ द्वीप समुद्र के अन्दर डूब जाने की तैयारी में हैं। समुद्र का स्तर 1950-2009 में प्रति वर्ष 0.08 इंच की तेजी से बढ़ा हैं।

हरियाली

हरा एक बहुत ही महत्वपूर्ण रंग हैं। यह एक कुदरत का करिश्मा ही हैं की सूर्य के प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का photosynthesis की प्रक्रिया से वानस्पतिक भोजन में रूपांतरण होता हैं। photosynthesis प्रक्रिया पशु जीवन के लिए आधार प्रदान करती हैं।

इलेक्ट्रिक पृथ्वी

अमेरिका के दर्जनों निवासी हर साल बिजली गिरने से मारे जाते हैं। लेकिन बिजली जीवन की उत्पत्ति के लिए  महत्वपूर्ण हो सकती है। वातावरण में पानी, मीथेन और अन्य रसायनों के साथ बिजली अमीनो एसिड और शक्कर का निर्माण करती हैं जी जीवन के जरूरी अंग हैं।

अंतरिक्ष

हमारी पृथ्वी एक वैक्यूम में मौजूद नहीं है। हमारे सौर मंडल में अंतरिक्ष क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं,धूल और गैस के निशानों से भरा हुआ है। अभी भी छोटी अंतरिक्ष चट्टानों की पृथ्वी पर हररोज बारिश होती हैं। लेकिन ऐसी बड़ी चट्टानों पर NASA हमेशां नजर रखता हैं। हमारे ग्रह के गठन के प्रारंभिक वर्षों में कोई ऐसा ही बड़ा धूमकेतु या
क्षुद्रग्रह टकराया था जो अपने साथ पृथ्वी के लिए पानी और अन्य महत्वपूर्ण रसायन लाया था।

हमारी पृथ्वी के पास इन सारी चीजों का होना एक संयोग तो नहीं हो सकता। कम से कम मैं तो ऐसा नहीं मानता। चन्द्रमा और सूरज हमारी पृथ्वी से अलग अलग स्थान की दूरी पर हैं। सूरज 15 करोड़ किलोमीटर दूर हैं जब की चंद्रमाँ 3,84,400 किलोमीटर दूर हैं। तो क्या यह एक संयोग हैं की पृथ्वी से वह दोनों एक ही आकार के दीखते हैं? फैसला आपका हैं। सोचिये। 
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