अमेरिकी डॉलर व भारतीय मुद्रा के बीच पिछले कितने ही समय से उतार-चढ़ाव चल रहा है जिसमें ज्यादातर डॉलर के दिन प्रतिदिन महंगा होने के ही संकेत मिलते हैं. ऐसे में भारत में महंगाई नए आसमान चूम रही है जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर खासा असर पड़ा है. इसके चलते जो भारतीय विदेश में काम कर रहे हैं उन्हें तो फिलहाल फायदा हो रहा है क्योंकि एक डॉलर जब रुपये में बदला जाता है तो उसकी मात्रा काफी बढ़ जाती है. लेकिन वहीं भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आयात में नुकसान झेलना पड़ रहा है.
यदि ऐसा हो जाए तो?
यह तो थी वे बातें जब डॉलर राजा बनकर भारतीय रुपये पर राज कर रहा है, लेकिन यदि किसी दिन रुपया राजा बन गया तो? हमारे कहने का मतलब है कि ऐसा भी हो सकता है कि रातों रात डॉलर के दाम इतने गिर जाएं कि एक डॉलर एक रुपये में मिलने लगे. यह बात कुछ अजीब व काफी हद तक असंभव भी लगती है लेकिन फिर भी पूर्ण रूप से असंभव नहीं है.
मान लीजिए कि यह अनहोनी भी किसी दिन घट जाए, और एक ही दिन या एक ही रात के अंदर-अंदर बाजार में कुछ ऐसी खलबली मच जाए तो क्या होगा, कभी आपने सोचा है? ऐसे में एक बात तो साफ है कि जो समस्याएं भारत को रुपये के गिरने से सहनी पड़ती हैं वही समस्याएं अमेरिका को भी आवश्य होंगी, लेकिन इसके साथ भी कितने ही तथ्य जुड़े हैं, आईये जानते हैं कुछ अहम बातें:
यह सब हो जाएगा सस्ता
आज भारत में ना जाने कितना ही सामान विदेश से आता है जिसे पाने के लिए भारतीय हजारों, लाखों, करोड़ों रुपये खर्च करते हैं और यह सब केवल रुपये के कमजोर होने के कारण. यदि यही रुपया डॉलर के मुकाबले में ताकतवर हो जाए तो कितनी ही चीजें हमें इतनी सस्ती मिलेंगी जिसके बारे में हमने कभी सोचा भी ना हो.
कुछ प्रोडक्ट जैसे कि मोबाइल, टीवी, महंगी गाड़ियां, गैजेट्स, महंगी तकनीकें, उच्च सॉफ्टवेयर, और वो सभी चीजें जो आज हमें आग के भाव मिलती हैं, वो सब हमें काफी सस्ती मिल सकती हैं.
तो फिर कैसे होगा आयात-निर्यात
इस संदर्भ में कुछ विशेषज्ञों ने अपनी खास राय दी है जिसमें यह कहा गया है कि जहां डॉलर के रुपये के मुकाबले बढ़ने पर भारत को आयात में दिक्कत होती है वहीं जब रुपया महंगा हो गया तो अमेरिका को भारत से किसी भी तरह का आयात करने में दिक्कत होगी. वहीं भारत को आयात सस्ता तो हो जाएगा लेकिन निर्यात में नुकसान होगा क्योंकि अमेरिका फिर महंगाई के कारण भारत से कम आयात करेगा.
क्या होगा विदेश में भारतीय मजदूरों का?
इस समय विदेश में भारी मात्रा में भारतीय मजदूर या फिर भारतीय मूल के ही लोग काम कर रहे हैं जो अपने वेतन का कुछ हिस्सा भारत में अपने रिश्तेदारों को भेजते हैं. फिलहाल वो भेजा हुआ वेतन जब डॉलर से भारतीय मुद्रा में बदला जाता है तो भेजा हुआ केवल 10 डॉलर भी यहां 600 रुपये से भी ऊपर चला जाता है जिसका भारतीयों को फायदा होता है, लेकिन यदि रुपया महंगा हो गया तो?
यदि रुपया महंगा हो गया तो अमेरिका को भारतीय मजदूर महंगे पड़ेंगे, साथ ही भारत में भेजा हुआ डॉलर रुपये में बदलने के बाद ना के बराबर रह जाएगा. यही नहीं उन भारतीय मजदूरों को फिर कम वेतन मिलेगा और अंत में वे लोग भारत वापिस आकर काम करना पसंद करेंगे जहां वेतन कम से कम अमेरिकी डॉलर के मुकाबले में ज्यादा होगा.
फिर यह भी हो सकता है
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यदि रुपया महंगा हुआ तो ना सिर्फ भारतीय मजदूर वापिस आएंगे बल्कि भारत खुद अमेरिकी मजदूर को काम पर रखेगा क्योंकि वे लोग कम वेतन में भी काम करने को तैयार हो जाएंगे जैसा कि इस समय भारतीय मजदूर विदेश में कर रहे हैं. उनका भेजा हुआ पैसा भारत में तो दोगुणा हो जाता है लेकिन विदेश के मुकाबले में उनका वेतन काफी कम है.
भारत को भी होगी दिक्कत
रुपये के महंगे होने के बाद ना केवल अमेरिका को बल्कि भारत को भी दिक्कत हो सकती है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगाई बढ़ेगी और भारत की चीजें काफी महंगी हो जाएंगी जिसे कोई भी खरीदना नहीं चाहेगा. यह भारतीय व्यापार को खासा नुकसान पहुंचाएगा.
यह पहले भी हुआ है
यह सभी बातें केवल हमारे दीमाग की मान्यताएं नहीं हैं बल्कि इसका साक्षात उदाहरण खुद जापान है. यह वर्ष 1986 की बात है जब अचानक रातों रात डॉलर का दाम जो कि एक डॉलर के मुकाबले में 280 येन होता था वो एकदम से 140 येन हो गया. इस इतने बड़े बदलाव से जापान की अर्थव्यवस्था को इतना बड़ा धक्का लगा जिसका नुकसान आजतक यह देश सह रहा है.
यही कारण है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ मान्यताएं बना रखी हैं जिसकी मदद से ना तो रुपये को ज्यादा गिरने दिया जाता है और ना ही उसे ज्यादा बढ़ने दिया जाता है क्योंकि दोनों विषयों में कहीं ना कहीं नुकसान झेलना ही पड़ता है
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